राष्ट्रीय हित सर्वोपरि: प्रो. अनुकृति शर्मा ने तुर्की सम्मेलन में भागीदारी से किया किनारा
डिजिटल डेक्स। राहुल पारीक
कोटा। सीमा पर सैनिक ही दुश्मनो का जवाब नहीं देता ,प्रतिदान देने के लिए नागरिक भी कंधे से कंधा मिला रहे। तुर्की व अज़रबैजान से व्यापार व पर्यटन का बहिष्कार के बाद शिक्षाविद द्वारा अनुसंधान मामले का भी बहिष्कार कोटा से सामने आया है। “देश पहले, सब कुछ बाद में” इस भावना को चरितार्थ करते हुए कोटा विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठित शिक्षाविद् प्रो. अनुकृति शर्मा ने तुर्की में होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से अपना नाम वापस ले लिया है। रजिस्ट्रार भावना शर्मा ने बताया कि तुर्की के दो प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों एमओयू निरस्त कर दिये गए है।
कूटनीतिक तनाव बना मुख्य कारण
पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले और तुर्की द्वारा भारत-विरोधी रुख अपनाने के मद्देनजर कोटा विश्वविद्यालय ने त्वरित कार्रवाई की है। वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर प्रो. शर्मा, जो विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय मामलों की निदेशक भी हैं, ने 22-25 मई को दिदिम,तर्की में होने वाले द्वितीय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन एवं सांस्कृतिक अध्ययन कांफ्रेस में भागीदारी से हाथ खींच लिया है। अपने आवेदन में उन्होंने स्पष्ट उल्लेख किया, “वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए और अपने राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व की भावना से प्रेरित होकर मैं इस यात्रा से अपनी वापसी की सूचना देती हूँ।”उन्होने कहा कि “राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है, और अकादमिक जगत भी इससे अछूता नहीं है।”यह कदम भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता के हित में उठाया गया है।
तुर्की के साथ शैक्षणिक संबंधों पर भी लगा विराम
रजिस्ट्रार भावना शर्मा ने बताया कि इस कदम के साथ ही, विश्वविद्यालय ने तुर्की के दो प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के साथ स्थापित समझौता ज्ञापनों (MoUs) को भी निलंबित कर दिया है। इनमें सिनोप विश्वविद्यालय के साथ जनवरी 2021 में हस्ताक्षरित मेवलाना विनिमय कार्यक्रम प्रोटोकॉल और अफयोन कोकातेपे विश्वविद्यालय के साथ मई 2024 में किया गया सहयोग समझौता शामिल है। भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष से 15 मई को प्राप्त पत्र में तुर्की सहित कई देशों द्वारा भारत-विरोधी गतिविधियों का मुद्दा उठाया गया था, जिसके बाद यह कदम उठाया गया।
उड़ान टिकट रद्द, टर्की यात्रा स्थगित
अनुकृति शर्मा के नाम से जारी टर्किश एयरलाइंस की ई-टिकट बुक थी,उनके 21 मई को इज़मिर से इस्तांबुल और 25 मई को इज़मिर से इस्तांबुल होते हुए दिल्ली के लिए विमान टिकट पहले ही बुक करा लिए गए थे।
गौरतलब है कि अुनकुति शर्मा को सम्मेलन में “हमारे अतीत में निवेश करके स्थायी पर्यटन भविष्य का निर्माण: एक सांस्कृतिक विरासत आधारित दृष्टिकोण” विषय पर की-नोट स्पीच प्रस्तुत करने का कार्यक्रम था।