प्रो. भगवती प्रसाद सारस्वत बने कोटा विश्वविद्यालय के नए कुलगुरु

राज्यपाल की ओर से मिली नियुक्ति, 38 वर्षों का शैक्षणिक अनुभव

कोटा। राज्यपाल एवं कुलाधिपति माननीय श्री कलराज मिश्र द्वारा प्रोफेसर (डॉ.) भगवती प्रसाद सारस्वत को कोटा विश्वविद्यालय, कोटा का कुलपति नियुक्त किया गया है। डॉ. सारस्वत शिक्षा और प्रशासन के क्षेत्र में एक अत्यंत अनुभवी शिक्षाविद हैं, जिनके पास 38 वर्षों से अधिक का शिक्षण एवं प्रबंधकीय अनुभव है।

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर में वाणिज्य संकाय के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, छात्र कल्याण अधिष्ठाता तथा कुलसचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। बीएसटीसी, पीटीईटी जैसी राज्य स्तरीय परीक्षाओं का सफल संचालन किया है।
प्रोफेसर सारस्वत की सबसे बड़ी उपलब्धि देश के पहले और एकमात्र विश्वविद्यालय आधारित उद्यमिता विकास संस्थान ‘सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्मॉल बिजनेस मैनेजमेंट’ (सीईएसबीएम) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है। उन्होंने इस संस्थान के निदेशक के रूप में 12 वर्षों से अधिक समय तक सेवा की है।
(डॉ.) भगवती प्रसाद सारस्वत ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं। अनेक राष्ट्रीय पुस्तकें, शोध परियोजनाएं एवं 23 से अधिक शोधार्थियों के निर्देशन का गौरव प्राप्त प्रो. सारस्वत के नेतृत्व में कोटा विश्वविद्यालय निश्चित ही शैक्षणिक, शोध एवं नवाचार की नई ऊंचाइयों को स्पर्श करेगा। उन्होने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशकों के साथ 14 पुस्तकों का लेखन,20 से अधिक अनुसंधान पत्रों का प्रकाशन,23 डॉक्टरेट उम्मीदवारों का सफल मार्गदर्शन व 100 से अधिक एम.फिल छात्रों का अनुसंधान पर्यवेक्षण किया है। उनकी प्रख्यात पुस्तकों में बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सिस्टम” (2006),”वित्तीय बाजार संचालन” (2006),”व्यावसायिक अर्थशास्त्र” (2005),”आर्थिक और वित्तीय अध्ययन” – राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के लिए लिखी है। सारस्वत 62वें अखिल भारतीय वाणिज्य संघ सम्मेलन के सम्मेलन सचिव तथा प्रथम अखिल भारतीय वाणिज्य एवं प्रबंधन प्रतिभा खोज परीक्षा के नियंत्रक रह चुके है।

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