प्रोजेक्ट जिंदगी – एक नई उम्मीद’ के तहत नि:शुल्क बाल हृदय रोग निदान केंद्र की होगी शुरुआत
कोटा। कोटा चिकित्सा क्षेत्र में अब एक ऐतिहासिक पहल होने जा रही है। जेसीआई कोटा स्टार के प्रयासों से ‘प्रोजेक्ट जिंदगी – एक नई उम्मीद’ के अंतर्गत नि:शुल्क बाल हृदय रोग निदान केंद्र की स्थापना की जा रही है, जो जन्मजात हृदय रोग (Congenital Heart Disease – CHD) से पीड़ित नन्हें बच्चों को न केवल राहत देगा, बल्कि उन्हें एक नई जिंदगी भी देगा। इस प्रोजेक्ट में एक निजि हॉस्पिटल का सहयोग भी लिया जा रहा है।
यह केंद्र एमबीएस अस्पताल, नयापुरा के ठीक सामने स्थित होगा और इसकी सभी सेवाएं पूर्णतः निशुल्क रहेंगी। यहां नवजात शिशुओं से लेकर किशोरावस्था तक के बच्चों की जाँच, उपचार और आवश्यकता अनुसार हृदय ऑपरेशन भी बगैर किसी शुल्क के किए जाएंगे। इस अवसर पर ‘प्रोजेक्ट जिंदगी’ के पोस्टर का विमोचन किया गया। विमोचन समारोह में डॉ. पुरुषोत्तम मित्तल, पूर्व अध्यक्ष पवन चित्तौड़ा, दर्पण जैन,संयज अग्रवाल, आयोजक मंडल, जेसीआई सदस्यगण और शहर के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
समाज सेवा का संकल्प बन गया प्रकल्प
डॉ. पलकेश अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान, विशेषकर हाड़ौती क्षेत्र में जन्मजात हृदय रोग की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन जागरूकता और संसाधनों के अभाव में अधिकांश मामलों का समय पर निदान नहीं हो पाता। यह केंद्र उन मासूमों की मदद करेगा जिन्हें समय रहते इलाज नहीं मिल पाता और वे जीवन भर एक गंभीर स्वास्थ्य संकट से जूझते हैं। यह केवल एक स्वास्थ्य सेवा नहीं, बल्कि समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी का निर्वहन है।
हर नन्हीं धड़कन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध: जेसीआई
जेसीआई कोटा स्टार के अध्यक्ष तनुज खंडेलवाल ने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार हाड़ौती क्षेत्र में CHD की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। ऐसे में ‘प्रोजेक्ट जिंदगी’ के माध्यम से जेसीआई और सुधा हॉस्पिटल मिलकर इस जीवनरक्षक मिशन में जुट गए हैं। “हर बच्चा हकदार है स्वस्थ जीवन का, और यही इस प्रकल्प की आत्मा है,” उन्होंने कहा।
विशेषज्ञता की नई ऊंचाई: डॉ. दीपेश गुप्ता का मार्गदर्शन
इस केंद्र की एक और खास बात यह है कि यहां हाड़ौती के इकलौते बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपेश गुप्ता सेवाएं देंगे। प्रॉजेक्ट कोऑर्डिनेटर संजय गोयल ने बताया कि डॉ. गुप्ता के मार्गदर्शन में क्षेत्र के सैकड़ों बच्चों को जीवनदान मिलेगा। उनका अनुभव और समर्पण इस मिशन की सफलता की आधारशिला साबित होगा।
किसी मासूम की धड़कन न थमे सिर्फ संसाधनों के कारण
कार्यक्रम निदेशक पवन गुप्ता और सचिव राजकुमार मित्तल ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी मासूम की धड़कन सिर्फ आर्थिक असहायता के कारण न थमे। हर जरूरतमंद बच्चे को समय पर जांच और उपचार मिल सके, यही हमारी प्राथमिकता है।