प्रज्ञालोक में जैन धर्म के आधारभूत सिद्धांतों पर दिया गया उपदेश
कोटा। गुरू आस्था परिवार कोटा द्वारा एवं कोटा सकल दिगम्बर जैन समाज के निवेदन पर तपोभूमि प्रणेता एवं पर्यावरण संरक्षक आचार्य 108 श्री प्रज्ञासागर जी मुनिराज का 37वां चातुर्मास महावीर नगर प्रथम स्थित प्रज्ञालोक में जारी है। अध्यक्ष लोकेश जैन सीसवाली ने बताया कि शुक्रवार को प्रज्ञालोक में गुरूवर प्रज्ञासागर के सानिध्य में वीर शासन जयंती का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर गुरूदेव ने कमेटी चैयमेन यतिश जेन खेडावाला,अध्यक्ष लोकेश जैन सीसवाली,महामंत्री नवीज जैन दौराया व कोषाध्यक्ष अजय गुरूदेव ने महावीर स्वामी के चित्र पर श्रीफल भेंट किया।
श्रावकों को संबोधित करते हुए आचार्य प्रज्ञासागर मुनिराज ने वीर शासन जयंती की महत्ता को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि वीर शासन जयंती वह पावन दिन है
जब भगवान महावीर ने अपना प्रथम उपदेश देकर जैन धर्म के वर्तमान शासन का प्रारंभ किया था। उनके उपदेशों का मूल संदेश अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य और ब्रह्मचर्य है, जो आज भी जैन धर्म की आधारशिला बना हुआ है।
आचार्य कुंदकुंद स्वामी एवं भगवान नेमीनाथ की महानता
इस अवसर पर आचार्य प्रज्ञासागर जी मुनिराज ने आचार्य कुंदकुंद स्वामी एवं जैन धर्म के 22वें तीर्थंकर भगवान नेमीनाथ (अरिष्टनेमि) की महानता के कारणों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि आचार्य कुंदकुंद स्वामी जैन दर्शन के महान आचार्य हैं, जबकि भगवान नेमीनाथ तीर्थंकर हैं। दोनों का जैन धर्म में विशिष्ट स्थान है, परंतु भूमिकाएँ भिन्न हैं। कुंदकुंद स्वामी के ग्रंथ जैन साधना और तत्वज्ञान के लिए आधारभूत हैं, वहीं नेमीनाथ का जीवन अहिंसा और वैराग्य का प्रेरक है।
मोक्ष प्राप्ति के लिए आवश्यक त्रिवेणी
आचार्य प्रज्ञासागर जी मुनिराज ने श्रावकों को सम्बोधित करते हुए जैन धर्म के मूलभूत सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देव दर्शन, गुरू प्रवचन एवं शास्त्र पठन का नियम है। मात्र जिनवाणी का पूजन करके लाभ नहीं हो सकता है। श्रावकों को शास्त्र पढ़ने होंगे, मंदिर में भगवान के दर्शन करने होंगे और गुरू के उपदेशों एवं मार्गदर्शन पर चलकर ही मोक्ष का रास्ता खुलता है।
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चैयरमेन यतिशजैन खेडवाला ने बताया कि इस पावन अवसर पर कोटा से बाहर से आए भक्तों ने गुरूदेव का पूजन किया। कार्यक्रम में गुरू आस्था परिवार के कोषाध्यक्ष अजय जैन के साथ विनय बिलाला, संजय खटकिड़ा, शम्भू जैन, लोकेश दमदमा, योगेश सिंघम, अनिल दौराया, विकास मजीतिया, नीलेश खटकिडा, आशीष जैसवाल, अजय मेहरू, संजीव जैन सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
यह रहे पुण्यार्जक परिवार
महा मंत्री नवीन दौराया ने बताया कि आचार्य प्रज्ञासागर जी मुनिराज का यह 37वां चातुर्मास में शुक्रवार को चातुर्मास के पुण्यार्जक परिवार योगेश ,आशीष जैन,दिल्ली वाले रहे। दीपप्रज्जवलन, शास्त्र भेंट,पादपक्षालान एवं आरती का सौभाग्य जम्बूकुमार—रेखा,रोहित—खुशबू,विनित—हनी,अजय—इला,शौर्य,अतिवीर,विहिका गोयल परिवार खजूरी वाले को प्राप्त हुआ।