कोटा ने रचा नया कीर्तिमान: एक ही दिन में 15,000 से अधिक बालिकाओं की एनीमिया जांच
कोटा। भारत विकास परिषद—उत्तर पश्चिम क्षेत्र (राजस्थान) की ओर से चलाए जा रहे “स्वास्थ्य पहल – एनीमिया मुक्त राजस्थान” अभियान के अंतर्गत राजस्थान भर में 1,75,490 किशोरियों और महिलाओं की एनीमिया जांच कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की गई। इस महाअभियान में कोटा ने नेतृत्वकारी भूमिका निभाई, जहां एक ही दिन में 99 केंद्रों पर 15,157 से अधिक बच्चियों और महिलाओं की जांच की गई।
कोटा के साथ ही दक्षिण-पूर्व प्रांत में आने वाले बारां, बूंदी और झालावाड़ में क्रमशः 4,389, 5,401 और 4,248 जांचें की गईं। कुल मिलाकर इस प्रांत में 29,195 महिलाओं की जांच हुई। यह आंकड़ा केवल चिकित्सा सेवा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य जागरूकता के लिए चलाए जा रहे जन-जागरण आंदोलन का प्रतीक बन गया है।
प्रकल्प प्रभारी डॉ. प्रियंका सैनी ने बताया कि “जब नारी संकल्प करती है, तो समाज जागता है” — इस विचार को साकार रूप देने का कार्य परिषद की महिला कार्यकर्ताओं ने किया। उन्होंने यह भी बताया कि कोटा सहित विभिन्न जिलों में किए गए परीक्षणों में 290 महिलाएं गंभीर एनीमिया (Hb < 7), 3,810 महिलाएं Hb 7–9, और 11,795 महिलाएं Hb 9–11 के स्तर पर पाई गईं। वहीं, 13,300 महिलाएं सामान्य श्रेणी (Hb 11+) में थीं।
क्षेत्रीय गतिविधि संयोजक महिला सहभागिता सुनीता गोयल (जौली) ने बताया कि एक दिन, एक संकल्प, एक जांच, लाखों मुस्कान के लिए प्रदेश भर से शहरी क्षेत्रों से लेकर दूरस्थ ग्रामीण अंचलों तक परिषद की महिला कार्यकर्ता पहुँचीं और हर वर्ग की बहनों को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि यह महाअभियान राजस्थान के इतिहास में महिला स्वास्थ्य के प्रति सबसे प्रभावशाली प्रयासों में एक है।
राज्यभर में कुल 931 केंद्रों पर नि:शुल्क जांच शिविर लगाए गए, जिनमें राजस्थान मध्य प्रांत में 60,194, दक्षिण प्रांत में 32,799, पूर्व प्रांत में 11,530, उत्तर प्रांत में 13,961, पश्चिम प्रांत में 8,467, और उत्तर-पूर्व प्रांत में 18,458 महिलाओं की एनीमिया जांच हुई।
प्रांतीय अध्यक्ष रवि शंकर मुंदड़ा और महासचिव हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि इस अभियान में परिषद की 245 शाखाओं और 15,000 से अधिक समर्पित कार्यकर्ताओं के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग ने सक्रिय सहयोग दिया।
क्षेत्रीय अध्यक्ष अरविंद गोयल ने इसे प्रशासन और समाज के संयुक्त प्रयास का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि विभिन्न शिविरों में CMHO, डिप्टी CMHO, कलेक्टर, SP, DSP, वाइस चांसलर और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल रहे और उन्होंने परिषद की कार्यशैली की प्रशंसा की।
महिला गतिविधि संयोजिका उमा पालीवाल ने कहा कि यह आयोजन केवल स्वास्थ्य जांच नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति और संगठित प्रयास का प्रतीक है। परिषद ने यह भी संकल्प लिया है कि जिन महिलाओं में एनीमिया की पुष्टि हुई है, उनके लिए आहार सुधार, आयरन सप्लीमेंटेशन और फॉलो-अप इलाज की पूर्ण जिम्मेदारी परिषद वहन करेगी। तीन माह बाद पुनः जांच शिविर लगाए जाएंगे।
इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय प्रांतीय और जिला स्तर की समर्पित टीम, शाखाओं के अध्यक्षों, संयोजिकाओं और स्वास्थ्य सेवा में जुटे सभी कर्मठ कार्यकर्ताओं को जाता है।