रफ़ी के तराने : सुरों में डूबी एक यादगार संध्या

कोटा में स्वर्गीय मोहम्मद रफ़ी की 45वीं पुण्यतिथि पर भावपूर्ण संगीतमय श्रद्धांजलि

कोटा,”तुम मुझे यूं भूला न पाओगे…” जैसे अमर गीतों की गूंज ने कोटा की फिजाओं को सुरमई कर दिया। अवसर था, महान पार्श्व गायक स्वर्गीय मोहम्मद रफ़ी की 45वीं पुण्यतिथि पर आयोजित भव्य संगीतमय संध्या ‘रफ़ी के तराने’ का, जो बोरखेड़ा स्थित राधिका रिसोर्ट के वेंकट हॉल में आयोजित की गई। कार्यक्रम संयोजक असलम रोमी ने बताया कि इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन शहर की प्रतिष्ठित सांस्कृतिक संस्था रोमी इवेंट्स द्वारा किया गया, जो बीते दो दशकों से कोटा की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा रही है। महफिल रात्रि 8 बजे आरंभ हुई और देर रात तक श्रोताओं को रफ़ी साहब के मधुर गीतों से भावविभोर करती रही।कार्यक्रम के मध्य में सभी प्रस्तुतिकारों को ‘गायिकी अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान कलाकारों के समर्पण और रफ़ी साहब की स्मृति को जीवंत करने के उनके प्रयास को समर्पित था।

रफ़ी के गीतों से सजी सुरमई रात
कार्यक्रम में शहर के चुनिंदा गायकों ने रफ़ी साहब के कालजयी गीतों को अपने सुरों से जीवंत किया। मंच पर चेतन शर्मा, मीनाक्षी वर्मा, रोहित शर्मा, आकाश अब्बास, राम गौतम, कृष्णा विजयवर्गीय, रीना मोदी, अमृता सोनी, समीर सरगम और तरन्नुम नाज़ जैसे कलाकारों ने ‘तेरी आँखों के सिवा’, ‘खोया खोया चाँद’, ‘चाहूंगा मैं तुझे’, ‘दिल का सुना सा तराना’, ‘बेखुदी में सनम’, ‘मेरे मितवा मेरे मीत रे’ जैसे रफ़ी साहब के मशहूर गीतों की प्रस्तुति दी।

पत्रकार और अधिकारी भी बने सुरों के सहभागी
कार्यक्रम की विशेष बात रही कि वरिष्ठ पत्रकार पवन आहूजा और बारा से पधारे एडिशनल एसपी कालूराम ने भी रफ़ी साहब को सुरों में श्रद्धांजलि दी और गीत गाकर श्रोताओं का मन मोह लिया।

अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में एडिशनल एसपी कालूराम (बारा) उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में वाइस चेयरमैन सलीम अब्बासी, मोहम्मद हयात खान (मिल्लत चैरिटेबल ट्रस्ट), राष्ट्रीय अध्यक्ष अग्रवाल समाज पीयूष गर्ग और सेवी मयंक जैन की गरिमामयी उपस्थिति रही। सभी अतिथियों ने कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की और कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।

सफल संचालन और आयोजन टीम
कार्यक्रम के सफल संचालन में असलम रोमी, रीना मोदी, तरन्नुम वारसी, हेमंत अग्रवाल और नीरज त्रिवेदी की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम संयोजक हेमंत अग्रवाल और नीरज त्रिवेदी ने बताया कि यह आयोजन न केवल रफ़ी साहब को श्रद्धांजलि है, बल्कि शहर में संगीतप्रेमियों को एक मंच देने का प्रयास भी है।

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