कोटा। श्री माहेश्वरी समाज कोटा से सम्बद्ध माहेश्वरी महिला मंडल की ओर से गुरुवार को “नानी बाई रो मायरो” कथा का भव्य शुभारंभ माहेश्वरी भवन में हुआ। अध्यक्ष प्रीति राठी एवं सचिव सरिता मोहता के नेतृत्व में महिला मंडल की सदस्याओं ने कथावाचक आचार्य राधाचरण जी महाराज का स्वागत गीतों के साथ किया। कथा के प्रथम दिवस पर मुख्य यज्ञमान के रूप में अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा के पश्चिमांचल उपसभापति राजेश कृष्ण— सूरज बिरला, गोविंद माहेश्वरी एवं किरण मानधना उपस्थित रहे। इनके साथ ही पूर्व प्रदेशाध्यक्ष महेशचंद अजमेरा, निर्वतमान राष्ट्रीय अध्यक्ष आशा माहेश्वरी, मधु बाहेती, रूकमणी मूंदड़ा, मनोज राठी, पंकज मोहता, सुरेश काबरा, कृष्ण गोपाल जाखेटिया एवं प्रमोद कुमार भंडारी सहित गणमान्यजनों ने व्यासपीठ का पूजन कर कथा का विधिवत शुभारंभ किया।
कथा का भावपूर्ण वर्णन
कथावाचक राधाचरण जी महाराज ने “नानी बाई रो मायरो” को अटूट श्रद्धा और भगवान श्रीकृष्ण की भक्तवत्सलता पर आधारित प्रेरणादायी कथा बताया। उन्होंने कहा कि यदि भक्त सच्चे मन से भगवान को पुकारता है तो प्रभु स्वयं उसकी रक्षा के लिए आते हैं।
प्रथम दिन के प्रसंग का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि नरसी बचपन से ही गूंगे-बहरे थे, किंतु संत कृपा से उनकी वाणी और श्रवण शक्ति लौट आई। बाद में उनका विवाह हुआ और समय बीतने पर उनकी पुत्री नानी बाई का विवाह भी संपन्न हुआ। विवाहोपरांत मायरे की परंपरा के लिए ननिहाल से भात भरने का समय आया, लेकिन निर्धनता के कारण नरसी असमर्थ रहे। इस प्रसंग में कथा ने भक्तों को भावविभोर कर दिया।
वर्तमान और अतीत की तुलना
राधाचरण जी महाराज ने समाजिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पहले विवाह के लिए केवल संपत्ति नहीं, बल्कि स्वभाव और गुणों को महत्व दिया जाता था। उन्होंने यह भी कहा कि “नानी बाई रो मायरो” जैसे धार्मिक आयोजनों का महिला मंडल द्वारा आयोजन करना अत्यंत सराहनीय और प्रेरणादायी है।
अंत में सामूहिक आरती हुई जिसमें किरण माधना, श्यामा बिरला, सीमा बाबरछिया सहित बड़ी संख्या में महिला मंडल की सदस्याओं और पुरुषों ने भाग लिया। प्रथम दिन प्रसाद वितरण में खुशबू डागा, स्वाति मंत्री और नेहा माहेश्वरी का विशेष सहयोग रहा।