मात्र सेवा संगठन ही नहीं, नेतृत्व निर्माण की यूनिवर्सिटी है लांयस इंटरनेशनल —सीपी विजयवर्गीय

कोटा में डीएलएलआई प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न, भावी नेतृत्व गढ़ने का संकल्प, 66 प्रतिनिधि हुए शामिल

कोटा। लायंस क्लब कोटा के तत्वावधान में डिस्ट्रिक्ट लायंस लीडरशिप इंस्टीट्यूट (DLLI) की बैठक उत्साहपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य नेतृत्व कौशल का विकास, संगठन की कार्यप्रणाली को सुदृढ़ करना तथा भावी नेतृत्व तैयार करना रहा। अध्यक्ष सोनल नंदवाना ने बताया कि इस अवसर पर गर्वनर रामकिशोर गर्ग, वीडीजी सी.पी. विजयवर्गीय, मुख्य प्रशिक्षक (faculty) पीएमसीसी द्वारका जालान (पूना), पीडीजी रश्मि गुप्ता (इंदौर) और पीडीजी अनिल नाहर (उदयपुर) सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम जीएलटी कॉर्डिनेटर मंजूला जैन, इंवीजिलेटर पीडीजी राजेन्द्र अग्रवाल तथा कंवीनियर एमजेएफ अशोक नुवाल और सुधाकर बहेडिया ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। वीडीजी सी.पी. विजयवर्गीय ने जानकारी दी कि डिस्ट्रिक्ट 3233E2 के अंतर्गत 30 क्लबों मे से जोन चेयरमैन,RC , अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष मिलाकर कुल 66 लायंस सदस्य इस प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए।
मुख्य अतिथि प्रांतपाल रामकिशोर गर्ग ने कहा कि “सी.पी. विजयवर्गीय जैसे ऊर्जावान नेता लायंस इंटरनेशनल के नेतृत्व कार्यक्रम को नई ऊँचाई देंगे। कोटा में प्रथम आयोजन सफलता का प्रमाण है और आगे यह कार्यशालाएँ उदयपुर, जोधपुर व अजमेर में भी आयोजित की जाएँगी।” उन्होंने यह भी आव्हान किया कि इंटरनेशनल स्तर पर हर डिस्ट्रिक में 30 प्रतिशत नए नेतृत्व को उभरना चाहिए।

“सेवा संगठन ही नहीं, नेतृत्व विकास निर्माण केन्द्र भी”
अपने उद्बोधन में सी.पी. विजयवर्गीय ने कहा – “इस प्रशिक्षण का उद्देश्य केवल सेवा कार्यों को गति देना नहीं, बल्कि सदस्यों को नेतृत्व, समूह प्रबंधन और मोटिवेशनल स्किल्स में दक्ष बनाना है। लायंस इंटरनेशनल मात्र सेवा संगठन नहीं, बल्कि एक नेतृत्व निर्माण केन्द्र भी है, जो सेवाकार्यों को नए दृष्टिकोण से आगे बढ़ाता है।”
उन्होंने देश-विदेश के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि विश्व को प्रभावशाली लीडर लायंस क्लब से ही मिले हैं।

कार्यशाला में सीखें नेतृत्व के व्यावहारिक गुर
तकनीकी सत्रों में प्रशिक्षक द्वारका जालान, रश्मि गुप्ता और अनिल नाहर ने सदस्यों को नेतृत्व विकास, सेवा भावना, क्लब संचालन, टीम वर्क, प्रभावी संवाद, योजना निर्माण और समस्या समाधान जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया।कार्यशाला में केस अध्ययन, रोल-प्ले, समूह चर्चा, टाइम मैनेजमेंट और इंटरेक्टिव सेशंस के माध्यम से प्रतिभागियों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया गया।अंत में नेतृत्व मूल्यांकन एवं फीडबैक सत्र आयोजित हुआ, जिसमें इंवीजिलेटर राजेन्द्र अग्रवाल ने प्रतिभागियों का आकलन किया। विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व पिन देकर सम्मानित किया गया।

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